चंबल का जलस्तर घटना जारी, 6 मीटर घटकर 119 पर पहुंचा
चंबल का जलस्तर घटना जारी, 6 मीटर घटकर 119 पर पहुंचा
पिनाहट। राजस्थान के कोटा बैराज से चंबल नदी में बीते दिनों पानी छोड़ा गया था जिसके चलते चंबल नदी में भारी उफान आया था। पिनाहट घाट पर जलस्तर करीब 126 मीटर तक पहुंच गया था। चंबल पट्टी के दर्जनों गांव में ग्रामीणों में हड़ताल मच गया था बाढ़ की आशंका को देखते हुए प्रशासन द्वारा अलर्ट जारी कर दिया गया था। कई गांव के मार्गों पर और कछार के खेतों में पानी भर जाने के कारण लोग सुरक्षित स्थान पर पहुंचने लगे थे। मगर धीरे-धीरे चंबल का जलस्तर शांत हुआ।शुक्रवार से चंबल का थमना शुरू हुआ। जलस्तर सोमवार तक 6 मीटर घटकर नीचे 119 चला गया। जिस पर लोगों द्वारा राहत की सांस ली गई है।
उटंगन में पानी शांत उफान जलस्तर घटने की आशंका
पिनाहट।आंगई बांध में उटंगन नदी में भारी मात्रा में पानी छोड़ा गया था जिससे 30 वर्षों बाद नदी में उफान आ गया था। और तटवर्ती इलाकों के करीब तीन दर्जन से अधिक गांव में बाढ़ जैसे हालात बन गए। तटवर्ती इलाकों के कछार के गांव के मार्गों पर पानी भर गया। और गांव के ग्रामीणों के लिए समस्या उत्पन्न हो गई। हजारों बीघा जमीन में खड़ी फसल में बाढ़ का पानी भर जाने के कारण डूबने से नष्ट हो गई है। जिससे भारी नुकसान की आशंका है। नदी में उफान को लेकर फसलें खराब होने और लोगों की समस्याओं को लेकर राजनीतिक लोग ग्रामीणों के पास पहुंच रहे हैं और समस्या समाधान एवं मदद को आश्वासन दिया जा रहा है। उटंगन नदी में उफान के बाद अब पानी का जलस्तर और बाहव धीरे-धीरे शांत होते जा रहा है। जिस नदी का जलस्तर घटने की राहत भरी खबर आशंका जताई जा रही है। जलस्तर कम होने के बाद तटवर्ती इलाकों के गांव में सडन दौड़ेगी और लोग बीमारी की चपेट में भी आ सकते हैं। जिसे लेकर स्वास्थ्य विभाग की टीम को गांव-गांव कैंप लगाकर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करानी होगी। फसलों के सड़ने से बदबू फैलने की भी आशंका ग्रामीणों द्वारा जताई जा रही है।
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