राहुल बोले- चीन ने लद्दाख में दिल्ली जितनी जमीन कब्जाई:मोदी चीन को संभाल नहीं पा रहे; अमेरिका में बोले-भारत ने ऐसा दौर नहीं देखा

Sep 11, 2024 - 10:28
Sep 11, 2024 - 10:30
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राहुल बोले- चीन ने लद्दाख में दिल्ली जितनी जमीन कब्जाई:मोदी चीन को संभाल नहीं पा रहे; अमेरिका में बोले-भारत ने ऐसा दौर नहीं देखा

राहुल बोले- चीन ने लद्दाख में दिल्ली जितनी जमीन कब्जाई:मोदी चीन को संभाल नहीं पा रहे; अमेरिका में बोले-भारत ने ऐसा दौर नहीं देखा

अमेरिका दौरे के आखिरी दिन मंगलवार देर रात कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने नेशनल प्रेस क्लब में मीटिंग की। इस दौरान राहुल ने एक बार फिर BJP और PM मोदी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि चीन ने लद्दाख में दिल्ली जितनी जमीन पर कब्जा कर लिया है। PM मोदी चीन को संभाल नहीं पा रहे हैं।

राहुल गांधी ने पीएम मोदी, BJP, आरक्षण, जाति जनगणना, बांग्लादेश के हालात, भारत-चीन-अमेरिका के संबंधों पर भी खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने फ्रीज बैंक खातों के साथ चुनाव लड़ा। मुझे ऐसा कोई लोकतंत्र नहीं पता जहां ऐसा होता हो। पिछले 10 साल में भारतीय लोकतंत्र पर हमला हुआ है। इसलिए यह बहुत कमजोर हो गया है।

राहुल गांधी बुधवार को वॉशिंगटन के कैपिटल हिल में अमेरिकी कांग्रेस (संसद) के कई नेताओं के साथ मुलाकात करेंगे। इसके अलावा थिंक टैंक के साथ बातचीत भी करेंगे। इसके बाद शिकागो के लिए रवाना होंगे।

प्रेस क्लब में हुए सवालों पर राहुल गांधी के जवाब ...

  • भारत की राजनीति पर : 2014 से लेकर अब तक भारत में राजनीति नाटकीय रूप से बदल गई है। हम ऐसे दौर में पहुंच गए हैं जो हमने भारत में पहले कभी नहीं देखा था। यह आक्रामक, हमारे लोकतांत्रिक ढांचे की नींव पर हमला है।
  • देश में जारी आरक्षण पर : भारत का 90% हिस्सा या तो आदिवासी, निचली जाति, दलित या अल्पसंख्यक हैं। सरकार, विभिन्न संस्थानों और मीडिया में उनकी भागीदारी की कमी है। हम जाति जनगणना की तरह ही वास्तविकता सामने लाने के लिए भारत में एक सर्वेक्षण का प्रस्ताव रख रहे हैं।
  • जाति जनगणना पर : मेरे और INDIA गठबंधन के लिए सवाल यह है, क्या भारत निष्पक्ष है? हम कई सालों से आजाद हैं, लेकिन हम असल में कितनी दूर आ गए हैं? जाति का विचार अभी भी जिंदा है। हम भारत में निष्पक्षता पर डेटा चाहते हैं, और एक बार डेटा आने के बाद, हम असंतुलन को ठीक करने के लिए नीतियां प्रस्तावित कर सकते हैं।
  • आरक्षण वाले बयान के विवाद पर : हम जो कह रहे हैं वह केवल आरक्षण के विचार से अलग है। जो हो रहा है उसे ठीक करने के लिए नीतियां बनाकर लागू करना चाहते हैं, जिसमें आरक्षण भी एक है। किसी ने मेरी बात को गलत तरीके से पेश किया कि मैं आरक्षण के खिलाफ हूं। हम आरक्षण को 50% से आगे बढ़ाने जा रहे हैं।
  • भारत में चीन के बढ़ते कब्जे पर : चीनी सैनिकों ने लद्दाख में दिल्ली के आकार की जमीन पर कब्जा कर रखा है। यह एक आपदा है। मीडिया इसके बारे में लिखना पसंद नहीं करता। अमेरिका कैसे रिएक्ट करता, क्या राष्ट्रपति यह कहकर बच जाते मामला अच्छी तरह से संभाला है? मोदी चीन को नहीं संभाल पा रहे हैं।
  • चीन की बढ़ती शक्ति पर : पहले पश्चिमी देश, अमेरिका, यूरोप और भारत उत्पादक हुआ करते थे, लेकिन फिर हमने उत्पादन बंद करने का फैसला किया और इसे चीन को सौंप दिया। भारत जैसे देश के लिए, मैन्युफैक्चरिंग की उपेक्षा और सर्विस को बढ़ावा देने का मतलब है कि भारत अपने लोगों के लिए पर्याप्त रोजगार के अवसर प्रदान नहीं कर सकता।
  • भारत अमेरिका संबंधों पर : मुझे नहीं लगता कि इंडियन पॉलिसी पर ट्रंप या कमला हैरिस में बहुत ज्यादा मतभेद होंगे। दोनों देशों के बीच संबंधों को दोनों तरफ से बुनियादी तौर पर स्वीकार किया जाता है। इसलिए मुझे नहीं लगता कि इस मुद्दे पर मोदी से कोई ज्यादा मतभेद होगा, लेकिन मैं पूरी तरह गलत भी हो सकता हूं।
  • भारत जोड़ो यात्राओं पर : हमें राजनीतिक यात्रा निकालने के लिए मजबूर होना पड़ा क्योंकि लोकतंत्र में कुछ भी काम नहीं कर रहा था। हम गए और यह काम कर गया। पर्सनली मैं हमेशा से ऐसा करना चाहता था। बचपन से ही सोचता था कि मुझे अपने जीवन के किसी मोड़ पर अपने देश में घूमना चाहिए और देखना चाहिए कि यह क्या है।
  • कानूनी मामलों पर : चुनाव के दौरान हमारे पास कोई पैसा नहीं था। हमारे बैंक अकाउंट फ्रीज कर दिए गए थे। भारतीय इतिहास में, मैं मानहानि के लिए जेल की सजा पाने वाला एकमात्र व्यक्ति हूं, मेरे खिलाफ 20 मामले हैं। हमारे पास एक मुख्यमंत्री है जो अभी जेल में है।

आरक्षण पर दिए बयान से देश में मचा बवाल इससे पहले राहुल ने मंगलवार को जॉर्ज टाउन यूनिवर्सिटी में आरक्षण खत्म करने के सवाल पर जवाब दिया। उन्होंने कहा, "कांग्रेस तभी आरक्षण खत्म करने के बारे में सोचेगी, जब देश में सभी को समान अवसर मिलने लगेंगे। फिलहाल भारत में ऐसी स्थिति नहीं है।"

राहुल के इस बयान के बाद भारत में मायावती ने उनके बयान की निंदा की है। उन्होंने कहा, "राहुल के नाटक से सतर्क रहें, वे आरक्षण को खत्म करने की साजिश में जुटे हैं।" वहीं भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने राहुल के आरक्षण पर दिए बयान को लेकर निशाना साधा।

भाजपा नेता ने कहा कि “आरक्षण का विरोध उनकी विरासत है। राहुल जिस संविधान को लेकर घूमते हैं, उसी के साथ सबसे बड़ा छलावा और धोखा कर रहे हैं।”

रविशंकर प्रसाद ने कहा कि ये आरक्षण खत्म करने की सोची समझी रणनीति और षडयंत्र है। उनका संविधान की रक्षा का दावा एक ढकोसला है। राहुल गांधी जब भी विदेश जाते हैं उनका मकसद भारत को नीचा दिखाना और अपमानित करना होता है। उनका वहां चीन के प्रति प्रेम उभर आता है।

आरक्षण खत्म करने से लेकर UCC पर राहुल की 5 बड़ी बातें...

1. आरक्षण खत्म करने का अभी सही समय नहीं: कांग्रेस आरक्षण खत्म करने के बारे में तब सोचेगी, जब सही समय होगा। जब आप वित्तीय आंकड़ों को देखते हैं, तो आदिवासियों को 100 रुपए में से 10 पैसे मिलते हैं, दलितों को 100 रुपए में से 5 रुपए मिलते हैं और OBC को भी लगभग इतनी ही रकम मिलती है।

2. जातिगत जणगणना जरूरी: भारत के दलित, OBC, आदिवासी को उनका हक नहीं मिल रहा है। देश के 90% आबादी वाले OBC, दलित और आदिवासी इस खेल में ही नहीं हैं। जातिगत जनगणना यह जानने का आसान तरीका है कि निचली जातियां, पिछड़ी जातियां और दलित किस स्थिति में हैं।

3. हमने पहले भी गठबंधन चलाया: हमारा गठबंधन (I.N.D.I.A) इस बात पर सहमत है कि भारत के संविधान की रक्षा की जानी चाहिए। भारत के बिजनेस को सिर्फ दो लोग अडाणी और अंबानी नहीं चला सकते। हमने बार-बार गठबंधन सरकारें चलाई हैं, जो सफल रही हैं। हमें पूरा यकीन है कि हम ऐसा फिर से कर सकते हैं।

4. निष्पक्ष चुनाव होते तो BJP 246 के करीब नहीं होती: एजुकेशन सिस्टम पर RSS का कब्जा है। मीडिया और जांच एजेंसियों पर उनका कब्जा है। मैंने संविधान को सामने रखना शुरू किया। लोगों ने समझा कि जो संविधान की रक्षा कर रहे हैं और जो इसे नष्ट करना चाहते हैं, यह उनके बीच की लड़ाई है। मुझे नहीं लगता कि निष्पक्ष चुनाव होते तो BJP 246 के करीब होती।

5. UCC पर अभी टिप्पणी नहीं करूंगा: हम समान नागरिक संहिता (UCC) पर तभी कुछ कहेंगे जब पता चलेगा कि BJP का प्रस्ताव क्या है। हमने इसे नहीं देखा है। हमें नहीं पता कि वे किस बारे में बात कर रहे हैं। हमारे लिए इस पर टिप्पणी करने का कोई मतलब नहीं है। जब वे इसे लाएंगे, तब हम इसे देखेंगे और इस पर टिप्पणी करेंगे।

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